Aise Kyun Lyrics in Hindi Can Be Fun For Anyone
प्रति रसाल तरू साकी सा है, प्रति मंजरिका है प्याला,पान कराती श्रोतागण को, झंकृत वीणा मधुशाला।।४१।
वही वारूणी जो थी सागर मथकर निकली अब हाला,
कल की हो न मुझे मधुशाला काल कुटिल की मधुशाला।।६१।
कानो में तुम कहती रहना, मधु का प्याला मधुशाला।।८१।
छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डाली
दास द्रोहियों दोनों में है जीत सुरा की, प्याले की,
दूर न इतनी हिम्मत हारुँ, पास न इतनी पा जाऊँ,
रहे न हाला, प्याला, साकी, तुझे मिलेगी मधुशाला।।९।
नहीं मुझे मालूम कहाँ तक यह मुझको ले this content जाएगी,
उतर नशा जब उसका जाता, आती है संध्या बाला,
कभी न कण-भर खाली होगा लाख पिएँ, दो लाख पिएँ!
भुरा सदा कहलायेगा जग में बाँका, मदचंचल प्याला,
पथिक बना मैं घूम रहा हूँ, सभी जगह मिलती हाला,