Detailed Notes on Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Lyrics

हम तो मांगे माँ तेरे मन का एक छोटा सा कोना ।

आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली

पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥

तुलसीदास जी ने स्त्री को पुरुष मे बदला: सत्य कथा

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सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली

कर्पूरगौरं– जिनका कर्पूर के समान गौर वर्ण है। करुणावतारं– जो साक्षात् करुणा के हैं। संसारसारं– जो समस्त सृष्टि के सार हैं। भुजगेंद्रहारम्– सांप को जिन्होंने हार के रूप में गले में धारण किया हुआ हैं। सदा वसतं हृदयाविन्दे भवं भवानी सहितम नमामि– मै उन शिव व पार्वती से प्रार्थना करता हूँ कि वो मेरे ह्रदय में सदा निवास करें। मै आपको नमन करता हूँ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे ।।

तेरे ही गुण this contact formhave a peek at this web-site गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती

पूत कपूत सुने है पर ना माता check here सुनी कुमाता ।

रोहिणी शकट भेदन, दशरथ रचित शनि स्तोत्र कथा

पूत-कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता

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